पदच्छेदः
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द्विषां | द्विष् (६.३) |
विघाताय | विघात (४.१) |
विधातुम् | विधातुम् (√वि-धा + तुमुन्) |
इच्छतो | इच्छत् (√इष् + शतृ, ६.१) |
रहस्य् | रहस् (७.१) |
अनुज्ञाम् | अनुज्ञा (२.१) |
अधिगम्य | अधिगम्य (√अधि-गम् + ल्यप्) |
भूभृतः | भूभृत् (६.१) |
स | तद् (१.१) |
सौष्ठवौदार्यविशेषशालिनीं | सौष्ठव–औदार्य–विशेष–शालिन् (२.१) |
विनिश्चितार्थाम् | विनिश्चित (√विनिः-चि + क्त)–अर्थ (२.१) |
इति | इति (अव्ययः) |
वाचम् | वाच् (२.१) |
आदधे | आदधे (√आ-धा लिट् प्र.पु. एक.) |
छन्दः
वंशस्थम् [१२: जतजर]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ | १२ |
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द्वि | षां | वि | घा | ता | य | वि | धा | तु | मि | च्छ | तो |
र | ह | स्य | नु | ज्ञा | म | धि | ग | म्य | भू | भृ | तः |
स | सौ | ष्ठ | वौ | दा | र्य | वि | शे | ष | शा | लि | नीं |
वि | नि | श्चि | ता | र्था | मि | ति | वा | च | मा | द | धे |
ज | त | ज | र |