व्याहृत्य | व्याहृत्य (√व्या-हृ + ल्यप्) |
मरुतां | मरुत् (६.३) |
पत्याव् | पति (७.१) |
इति | इति (अव्ययः) |
वाचम् | वाच् (२.१) |
अवस्थिते | अवस्थित (√अव-स्था + क्त, ७.१) |
वचः | वचस् (२.१) |
प्रश्रयगम्भीरम् | प्रश्रय–गम्भीर (२.१) |
अथोवाच | अथ (अव्ययः)–उवाच (√वच् लिट् प्र.पु. एक.) |
कपिध्वजः | कपिध्वज (१.१) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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व्या | हृ | त्य | म | रु | तां | प | त्या |
वि | ति | वा | च | म | व | स्थि | ते |
व | चः | प्र | श्र | य | ग | म्भी | र |
म | थो | वा | च | क | पि | ध्व | जः |