जरतीम् | जरत् (√जृ + शतृ, २.१) |
अपि | अपि (अव्ययः) |
बिभ्राणस् | बिभ्राण (√भृ + शानच्, १.१) |
तनुम् | तनु (२.१) |
अप्राकृताकृतिः | अ (अव्ययः)–प्राकृत–आकृति (१.१) |
चकाराक्रान्तलक्ष्मीकः | चकार (√कृ लिट् प्र.पु. एक.)–आक्रान्त (√आ-क्रम् + क्त)–लक्ष्मीक (१.१) |
ससाध्वसम् | स (अव्ययः)–साध्वस (२.१) |
इवाश्रयम् | इव (अव्ययः)–आश्रय (२.१) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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ज | र | ती | म | पि | बि | भ्रा | ण |
स्त | नु | म | प्रा | कृ | ता | कृ | तिः |
च | का | रा | क्रा | न्त | ल | क्ष्मी | कः |
स | सा | ध्व | स | मि | वा | श्र | यम् |