पदच्छेदः
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मतिभेदतमस्तिरोहिते | मति–भेद–तमस्–तिरोहित (√तिरस्-धा + क्त, ७.१) |
गहने | गहन (७.१) |
कृत्यविधौ | कृत्य–विधि (७.१) |
विवेकिनाम् | विवेकिन् (६.३) |
सुकृतः | सु (अव्ययः)–कृत (√कृ + क्त, १.१) |
परिशुद्ध | परिशुद्ध (√परि-शुध् + क्त, १.१) |
आगमः | आगम (१.१) |
कुरुते | कुरुते (√कृ लट् प्र.पु. एक.) |
दीप | दीप (१.१) |
इवार्थदर्शनम् | इव (अव्ययः)–अर्थ–दर्शन (२.१) |
छन्दः
वियोगिनी = [१०: ससजग] १,३ + [११: सभरलग] २,४
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ |
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म | ति | भे | द | त | म | स्ति | रो | हि | ते |
ग | ह | ने | कृ | त्य | वि | धौ | वि | वे | कि | नाम् |
सु | कृ | तः | प | रि | शु | द्ध | आ | ग | मः |
कु | रु | ते | दी | प | इ | वा | र्थ | द | र्श | नम् |