निरास्पदं | निरास्पद (१.१) |
प्रश्नकुतूहलित्वम् | प्रश्न–कुतूहलिन्–त्व (१.१) |
अस्मास्वधीनं | मद् (७.३)–अधीन (१.१) |
किमु | किमु (अव्ययः) |
निःस्पृहाणाम् | निःस्पृह (६.३) |
तथापि | तथा (अव्ययः)–अपि (अव्ययः) |
कल्याणकरीं | कल्याण–कर (२.१) |
गिरं | गिर् (२.१) |
ते | त्वद् (६.१) |
मां | मद् (२.१) |
श्रोतुम् | श्रोतुम् (√श्रु + तुमुन्) |
इच्छा | इच्छा (१.१) |
मुखरीकरोति | मुखरीकरोति (√मुखरी-कृ लट् प्र.पु. एक.) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ |
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नि | रा | स्प | दं | प्र | श्न | कु | तू | ह | लि | त्व |
म | स्मा | स्व | धी | नं | कि | मु | निः | स्पृ | हा | णाम् |
त | था | पि | क | ल्या | ण | क | रीं | गि | रं | ते |
मां | श्रो | तु | मि | च्छा | मु | ख | री | क | रो | ति |