पदच्छेदः
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रम्या | रम्य (१.१) |
नवद्युतिर् | नव–द्युति (१.१) |
अपैति | अपैति (√अप-इ लट् प्र.पु. एक.) |
न | न (अव्ययः) |
शाद्वलेभ्यः | शाद्वल (५.३) |
श्यामीभवन्त्यनुदिनं | श्यामीभवन्ति (√श्यामी-भू लट् प्र.पु. बहु.)–अनुदिनम् (अव्ययः) |
नलिनीवनानि | नलिनी–वन (१.३) |
अस्मिन् | इदम् (७.१) |
विचित्रकुसुमस्तबकाचितानां | विचित्र–कुसुम–स्तबक–आचित (√आ-चि + क्त, ६.३) |
शाखाभृतां | शाखाभृत् (६.३) |
परिणमन्ति | परिणमन्ति (√परि-नम् लट् प्र.पु. बहु.) |
न | न (अव्ययः) |
पल्लवानि | पल्लव (१.३) |
छन्दः
वसन्ततिलका [१४: तभजजगग]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ | १२ | १३ | १४ |
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र | म्या | न | व | द्यु | ति | र | पै | ति | न | शा | द्व | ले | भ्यः |
श्या | मी | भ | व | न्त्य | नु | दि | नं | न | लि | नी | व | ना | नि |
अ | स्मि | न्वि | चि | त्र | कु | सु | म | स्त | ब | का | चि | ता | नां |
शा | खा | भृ | तां | प | रि | ण | म | न्ति | न | प | ल्ल | वा | नि |
त | भ | ज | ज | ग | ग |