गतवति | गतवत् (√गम् + क्तवतु, ७.१) |
नखलेखालक्ष्यताम् | नख–लेखा–लक्ष्य (√लक्षय् + कृत्)–ता (२.१) |
अङ्गरागे | अङ्गराग (७.१) |
समददयितपीताताम्रबिम्बाधराणाम् | स (अव्ययः)–मद–दयित–पीत (√पा + क्त)–आताम्र–बिम्ब–अधर (६.३) |
विरहविधुरम् | विरह–विधुर (२.१) |
इष्टा | इष्ट (√इष् + क्त, १.१) |
सत्सखीवङ्गनानां | सत्–सखी–वङ्गन (६.३) |
हृदयम् | हृदय (२.१) |
अवललम्बे | अवललम्बे (√अव-लम्ब् लिट् प्र.पु. एक.) |
रात्रिसम्भोगलक्ष्मीः | रात्रि–सम्भोग–लक्ष्मी (१.१) |
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ग | त | व | ति | न | ख | ले | खा | ल | क्ष्य | ता | म | ङ्ग | रा | गे |
स | म | द | द | यि | त | पी | ता | ता | म्र | बि | म्बा | ध | रा | णाम् |
वि | र | ह | वि | धु | र | मि | ष्टा | स | त्स | खी | व | ङ्ग | ना | नां |
हृ | द | य | म | व | ल | ल | म्बे | रा | त्रि | स | म्भो | ग | ल | क्ष्मीः |
न | न | म | य | य |