दिक्कालाद्यनवच्छिन्नानन्तचिन्मात्रमूर्तये | दिश्–काल–आदि–अन् (अव्ययः)–अवच्छिन्न (√अव-छिद् + क्त)–अनन्त–चित्–मात्र–मूर्ति (४.१) |
स्वानुभूत्येकमानाय | स्व–अनुभूति–एक–मान (४.१) |
नमः | नमस् (१.१) |
शान्ताय | शान्त (√शम् + क्त, ४.१) |
तेजसे | तेजस् (४.१) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
---|---|---|---|---|---|---|---|
दि | क्का | ला | द्य | न | व | च्छि | न्ना |
न | न्त | चि | न्मा | त्र | मू | र्त | ये |
स्वा | नु | भू | त्ये | क | मा | ना | य |
न | मः | शा | न्ता | य | ते | ज | से |