पदच्छेदः
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सत्यानृता | सत्य–अनृत (१.१) |
च | च (अव्ययः) |
परुषा | परुष (१.१) |
प्रियवादिनी | प्रिय–वादिन् (१.१) |
च | च (अव्ययः) |
हिंस्रा | हिंस्र (१.१) |
दयालुर् | दयालु (१.१) |
अपि | अपि (अव्ययः) |
चार्थपरा | च (अव्ययः)–अर्थ–पर (१.१) |
वदान्या | वदान्य (१.१) |
नित्यव्यया | नित्य–व्यय (१.१) |
प्रचुरनित्यधनागमा | प्रचुर–नित्य–धन–आगम (१.१) |
च | च (अव्ययः) |
वाराङ्गनेव | वाराङ्गना (१.१)–इव (अव्ययः) |
नृपनीतिर् | नृप–नीति (१.१) |
अनेकरूपा | अनेक–रूप (१.१) |
छन्दः
वसन्ततिलका [१४: तभजजगग]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ | १२ | १३ | १४ |
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स | त्या | नृ | ता | च | प | रु | षा | प्रि | य | वा | दि | नी | च |
हिं | स्रा | द | या | लु | र | पि | चा | र्थ | प | रा | व | दा | न्या |
नि | त्य | व्य | या | प्र | चु | र | नि | त्य | ध | ना | ग | मा | च |
वा | रा | ङ्ग | ने | व | नृ | प | नी | ति | र | ने | क | रू | पा |
त | भ | ज | ज | ग | ग |