वने | वन (७.१) |
रणे | रण (७.१) |
शत्रुजलाग्निमध्ये | शत्रु–जल–अग्नि–मध्य (७.१) |
महार्णवे | महत्–अर्णव (७.१) |
पर्वतमस्तके | पर्वत–मस्तक (७.१) |
वा | वा (अव्ययः) |
सुप्तं | सुप्त (√स्वप् + क्त, २.१) |
प्रमत्तं | प्रमत्त (√प्र-मद् + क्त, २.१) |
विषमस्थितं | विषम–स्थित (√स्था + क्त, २.१) |
वा | वा (अव्ययः) |
रक्षन्ति | रक्षन्ति (√रक्ष् लट् प्र.पु. बहु.) |
पुण्यानि | पुण्य (१.३) |
पुराकृतानि | पुरा (अव्ययः)–कृत (√कृ + क्त, १.३) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ |
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व | ने | र | णे | श | त्रु | ज | ला | ग्नि | म | ध्ये |
म | हा | र्ण | वे | प | र्व | त | म | स्त | के | वा |
सु | प्तं | प्र | म | त्तं | वि | ष | म | स्थि | तं | वा |
र | क्ष | न्ति | पु | ण्या | नि | पु | रा | कृ | ता | नि |