पदच्छेदः
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न | न (अव्ययः) |
दलति | दलत् (√दल् + शतृ, ७.१) |
निचये | निचय (७.१) |
तथोत्पलानां | तथा (अव्ययः)–उत्पल (६.३) |
न | न (अव्ययः) |
च | च (अव्ययः) |
विषमच्छदगुच्छयूथिकासु | विषमच्छद–गुच्छ–यूथिका (७.३) |
अभिरतुम् | अभिरतुम् (√अभि-रम् + तुमुन्) |
उपलेभिरे | उपलेभिरे (√उप-लभ् लिट् प्र.पु. बहु.) |
यथासां | यथा (अव्ययः)–इदम् (६.३) |
हरितनयावयवेषु | हरि–तनय–अवयव (७.३) |
लोचनानि | लोचन (१.३) |
छन्दः
पुष्पिताग्रा = [१२: ननरय] १,३ + [१२: नजजरग] २,४
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ | १२ | १३ |
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न | द | ल | ति | नि | च | ये | त | थो | त्प | ला | नां |
न | च | वि | ष | म | च्छ | द | गु | च्छ | यू | थि | का | सु |
अ | भि | र | तु | मु | प | ले | भि | रे | य | था | सां |
ह | रि | त | न | या | व | य | वे | षु | लो | च | ना | नि |