श्रद्धेया | श्रद्धेय (√श्रद्-धा + कृत्, १.३) |
विप्रलब्धारः | विप्रलब्धृ (१.३) |
प्रिया | प्रिय (१.३) |
विप्रियकारिणः | विप्रिय–कारिन् (१.३) |
सुदुस्त्यजास् | सु (अव्ययः)–दुस्त्यज (१.३) |
त्यजन्तो | त्यजत् (√त्यज् + शतृ, १.३) |
ऽपि | अपि (अव्ययः) |
कामाः | काम (१.३) |
कष्टा | कष्ट (१.३) |
हि | हि (अव्ययः) |
शत्रवः | शत्रु (१.३) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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श्र | द्धे | या | वि | प्र | ल | ब्धा | रः |
प्रि | या | वि | प्रि | य | का | रि | णः |
सु | दु | स्त्य | जा | स्त्य | ज | न्तो | ऽपि |
का | माः | क | ष्टा | हि | श | त्र | वः |