न्यायनिर्णीतसारत्वान् | न्याय–निर्णीत (√निः-नी + क्त)–सार–त्व (५.१) |
निरपेक्षम् | निरपेक्ष (२.१) |
इवागमे | इव (अव्ययः)–आगम (७.१) |
अप्रकम्प्यतयान्येषाम् | अ (अव्ययः)–प्रकम्प्य (√प्र-कम्प् + कृत्)–ता (३.१)–अन्य (६.३) |
आम्नायवचनोपमम् | आम्नाय–वचन–उपम (२.१) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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न्या | य | नि | र्णी | त | सा | र | त्वा |
न्नि | र | पे | क्ष | मि | वा | ग | मे |
अ | प्र | क | म्प्य | त | या | न्ये | षा |
मा | म्ना | य | व | च | नो | प | मम् |