ककुदे | ककुद (७.१) |
वृषस्य | वृष (६.१) |
कृतबाहुम् | कृत (√कृ + क्त)–बाहु (२.१) |
अकृशपरिणाहशालिनि | अकृश–परिणाह–शालिन् (७.१) |
स्पर्शसुखम् | स्पर्श–सुख (२.१) |
अनुभवन्तम् | अनुभवत् (√अनु-भू + शतृ, २.१) |
उमाकुचयुग्ममण्डल | उमा–कुच–युग्म–मण्डल (७.१) |
इवार्द्रचन्दने | इव (अव्ययः)–आर्द्र–चन्दन (७.१) |
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क | कु | दे | वृ | ष | स्य | कृ | त | बा | ||||
हु | म | कृ | श | प | रि | णा | ह | शा | लि | नि | स्प | |
र्श | सु | ख | म | नु | भ | व | न्त | मु | मा | |||
कु | च | यु | ग्म | म | ण्ड | ल | इ | वा | र्द्र | च | न्द | ने |