असंशयालोचितकार्यनुन्नः | असंशय–आलोचित (√आ-लोचय् + क्त)–कार्य–नुन्न (√नुद् + क्त, १.१) |
प्रेम्णा | प्रेमन् (३.१) |
समानीय | समानीय (√समा-नी + ल्यप्) |
विभज्यमानः | विभज्यमान (√वि-भज् + शानच्, १.१) |
तुल्याद् | तुल्य (५.१) |
विभागाद् | विभाग (५.१) |
इव | इव (अव्ययः) |
तन्मनोभिर् | तद्–मनस् (३.३) |
दुःखातिभारो | दुःख–अतिभार (१.१) |
ऽपि | अपि (अव्ययः) |
लघुः | लघु (१.१) |
स | तद् (१.१) |
मेने | मेने (√मन् लिट् प्र.पु. एक.) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ |
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अ | सं | श | या | लो | चि | त | का | र्य | नु | न्नः |
प्रे | म्णा | स | मा | नी | य | वि | भ | ज्य | मा | नः |
तु | ल्या | द्वि | भा | गा | दि | व | त | न्म | नो | भि |
र्दुः | खा | ति | भा | रो | ऽपि | ल | घुः | स | मे | ने |