धैर्यावसादेन | धैर्य–अवसाद (३.१) |
हृतप्रसादा | हृत (√हृ + क्त)–प्रसाद (१.१) |
वन्यद्विपेनेव | वन्य–द्विप (३.१)–इव (अव्ययः) |
निदाघसिन्धुः | निदाघ–सिन्धु (१.१) |
निरुद्धबाष्पोदयसन्नकण्ठम् | निरुद्ध (√नि-रुध् + क्त)–बाष्प–उदय–सन्नकण्ठ (२.१) |
उवाच | उवाच (√वच् लिट् प्र.पु. एक.) |
कृच्छ्राद् | कृच्छ्र (५.१) |
इति | इति (अव्ययः) |
राजपुत्री | राजन्–पुत्री (१.१) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ |
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धै | र्या | व | सा | दे | न | हृ | त | प्र | सा | दा |
व | न्य | द्वि | पे | ने | व | नि | दा | घ | सि | न्धुः |
नि | रु | द्ध | बा | ष्पो | द | य | स | न्न | क | ण्ठ |
मु | वा | च | कृ | च्छ्रा | दि | ति | रा | ज | पु | त्री |