पदच्छेदः
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मा | मा (अव्ययः) |
भूवन्न् | भूवन् (√भू प्र.पु. बहु.) |
अपथहृतस् | अपथ–हृत् (१.३) |
तवेन्द्रियाश्वाः | त्वद् (६.१)–इन्द्रिय–अश्व (१.३) |
संतापे | संताप (७.१) |
दिशतु | दिशतु (√दिश् लोट् प्र.पु. एक.) |
शिवः | शिव (१.१) |
शिवां | शिव (२.१) |
प्रसक्तिम् | प्रसक्ति (२.१) |
रक्षन्तस् | रक्षत् (√रक्ष् + शतृ, १.३) |
तपसि | तपस् (७.१) |
बलं | बल (२.१) |
च | च (अव्ययः) |
लोकपालाः | लोकपाल (१.३) |
कल्याणीम् | कल्याण (२.१) |
अधिकफलां | अधिक–फल (२.१) |
क्रियां | क्रिया (२.१) |
छन्दः
प्रहर्षिणी [१३: मनजरग]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ | १२ | १३ |
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मा | भू | व | न्न | प | थ | हृ | त | स्त | वे | न्द्रि | या | श्वाः |
सं | ता | पे | दि | श | तु | शि | वः | शि | वां | प्र | स | क्तिम् |
र | क्ष | न्त | स्त | प | सि | ब | लं | च | लो | क | पा | लाः |
क | ल्या | णी | म | धि | क | फ | लां | क्रि | यां | क्रि | या | युः |
म | न | ज | र | ग |