साहित्यसंगीतकलाविहीनः | साहित्य–संगीत–कला–विहीन (√वि-हा + क्त, १.१) |
साक्षात् | साक्षात् (अव्ययः) |
पशुः | पशु (१.१) |
पुच्छविषाणहीनः | पुच्छ–विषाण–हीन (√हा + क्त, १.१) |
तृणं | तृण (२.१) |
न | न (अव्ययः) |
खादन्न् | खादत् (√खाद् + शतृ, १.१) |
अपि | अपि (अव्ययः) |
जीवमानस्तद् | जीवमान (√जीव् + शानच्, १.१)–तद् (१.१) |
भागधेयं | भागधेय (१.१) |
परमं | परम (१.१) |
पशूनाम् | पशु (६.३) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ |
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सा | हि | त्य | स | ङ्गी | त | क | ला | वि | ही | नः |
सा | क्षा | त्प | शुः | पु | च्छ | वि | षा | ण | ही | नः |
तृ | णं | न | खा | द | न्न | पि | जी | व | मा | न |
स्त | द्भा | ग | धे | यं | प | र | मं | प | शू | नाम् |