जयन्ति | जयन्ति (√जि लट् प्र.पु. बहु.) |
ते | तद् (१.३) |
सुकृतिनो | सु (अव्ययः)–कृतिन् (१.३) |
रससिद्धाः | रस–सिद्ध (√सिध् + क्त, १.३) |
कवीश्वराः | कवि–ईश्वर (१.३) |
नास्ति | न (अव्ययः)–अस्ति (√अस् लट् प्र.पु. एक.) |
येषां | यद् (६.३) |
यशःकाये | यशस्–काय (७.१) |
जरामरणजं | जरा–मरण–ज (१.१) |
भयम् | भय (१.१) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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ज | य | न्ति | ते | सु | कृ | ति | नो |
र | स | सि | द्धाः | क | वी | श्व | राः |
ना | स्ति | ये | षां | य | शः | का | ये |
ज | रा | म | र | ण | जं | भ | यम् |