पदच्छेदः
Click to Toggle
जातिर् | जाति (१.१) |
यातु | यातु (√या लोट् प्र.पु. एक.) |
रसातलं | रसातल (२.१) |
गुणगणैस् | गुण–गण (३.३) |
तत्राप्य् | तत्र (अव्ययः)–अपि (अव्ययः) |
अधो | अधस् (अव्ययः) |
गम्यतां | गम्यताम् (√गम् प्र.पु. एक.) |
शीलं | शील (१.१) |
शैलतटात् | शैल–तट (५.१) |
पतत्वभिजनः | पततु (√पत् लोट् प्र.पु. एक.)–अभिजन (१.१) |
संदह्यतां | संदह्यताम् (√सम्-दह् प्र.पु. एक.) |
वह्निना | वह्नि (३.१) |
शौर्ये | शौर्य (७.१) |
वैरिणि | वैरिन् (७.१) |
वज्रम् | वज्र (१.१) |
आशु | आशु (अव्ययः) |
निपतत्व् | निपततु (√नि-पत् लोट् प्र.पु. एक.) |
अर्थो | अर्थ (१.१) |
ऽस्तु | अस्तु (√अस् लोट् प्र.पु. एक.) |
नः | मद् (६.३) |
केवलं | केवलम् (अव्ययः) |
येनैकेन | यद् (३.१)–एक (३.१) |
विना | विना (अव्ययः) |
गुणस् | गुण (१.१) |
तृणलवप्रायाः | तृण–लव–प्राय (१.३) |
समस्ता | समस्त (१.३) |
इमे | इदम् (१.३) |
छन्दः
शार्दूलविक्रीडितम् [१९: मसजसततग]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ | १२ | १३ | १४ | १५ | १६ | १७ | १८ | १९ |
---|
जा | ति | र्या | तु | र | सा | त | लं | गु | ण | ग | णै | स्त | त्रा | प्य | धो | ग | म्य | तां |
शी | लं | शै | ल | त | टा | त्प | त | त्व | भि | ज | नः | स | न्द | ह्य | तां | व | ह्नि | ना |
शौ | र्ये | वै | रि | णि | व | ज्र | मा | शु | नि | प | त | त्व | र्थो | ऽस्तु | नः | के | व | लं |
ये | नै | के | न | वि | ना | गु | ण | स्तृ | ण | ल | व | प्रा | याः | स | म | स्ता | इ | मे |
म | स | ज | स | त | त | ग |