पदच्छेदः
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उद्वृत्तः | उद्वृत्त (√उत्-वृत् + क्त, १.१) |
स्तनभार | स्तन–भार (१.१) |
एष | एतद् (१.१) |
तरले | तरल (१.२) |
नेत्रे | नेत्र (१.२) |
चले | चल (१.२) |
भ्रूलते | भ्रू–लता (१.२) |
रागाधिष्ठितम् | राग–अधिष्ठित (√अधि-स्था + क्त, १.१) |
ओष्ठपल्लवम् | ओष्ठ–पल्लव (१.१) |
इदं | इदम् (१.१) |
कुर्वन्तु | कुर्वन्तु (√कृ लोट् प्र.पु. बहु.) |
नाम | नाम (अव्ययः) |
व्यथाम् | व्यथा (२.१) |
सौभाग्याक्षरमालिकेव | सौभाग्य–अक्षर–मालिका (१.१)–इव (अव्ययः) |
लिखिता | लिखित (√लिख् + क्त, १.१) |
पुष्पायुधेन | पुष्पायुध (३.१) |
स्वयं | स्वयम् (अव्ययः) |
मध्यस्थापि | मध्यस्थ (१.१)–अपि (अव्ययः) |
करोति | करोति (√कृ लट् प्र.पु. एक.) |
तापम् | ताप (२.१) |
अधिकं | अधिक (२.१) |
रोमावलिः | रोमन्–आवलि (१.१) |
केन | केन (अव्ययः) |
सा | तद् (१.१) |
छन्दः
शार्दूलविक्रीडितम् [१९: मसजसततग]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ | १२ | १३ | १४ | १५ | १६ | १७ | १८ | १९ |
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उ | द्वृ | त्तः | स्त | न | भा | र | ए | ष | त | र | ले | ने | त्रे | च | ले | भ्रू | ल | ते |
रा | गा | धि | ष्ठि | त | मो | ष्ठ | प | ल्ल | व | मि | दं | कु | र्व | न्तु | ना | म | व्य | थाम् |
सौ | भा | ग्या | क्ष | र | मा | लि | के | व | लि | खि | ता | पु | ष्पा | यु | धे | न | स्व | यं |
म | ध्य | स्था | पि | क | रो | ति | ता | प | म | धि | कं | रो | मा | व | लिः | के | न | सा |
म | स | ज | स | त | त | ग |