मुखेन | मुख (३.१) |
चन्द्रकान्तेन | चन्द्रकान्त (३.१) |
महानीलैः | महानील (३.३) |
शिरोरुहैः | शिरोरुह (३.३) |
कराभ्यां | कर (३.२) |
पद्मरागाभ्यां | पद्मराग (३.२) |
रेजे | रेजे (√राज् लिट् प्र.पु. एक.) |
रत्नमयीव | रत्न–मय (१.१)–इव (अव्ययः) |
सा | तद् (१.१) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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मु | खे | न | च | न्द्र | का | न्ते | न |
म | हा | नी | लैः | शि | रो | रु | हैः |
क | रा | भ्यां | प | द्म | रा | गा | भ्यां |
रे | जे | र | त्न | म | यी | व | सा |