अदर्शने | अदर्शन (७.१) |
दर्शनमात्रकामा | दर्शन–मात्र–काम (१.१) |
दृष्ट्वा | दृष्ट्वा (√दृश् + क्त्वा) |
परिष्वङ्गसुखैकलोला | परिष्वङ्ग–सुख–एक–लोल (१.१) |
आलिङ्गितायां | आलिङ्गित (√आ-लिङ्गय् + क्त, ७.१) |
पुनर् | पुनर् (अव्ययः) |
आयताक्ष्यामाशास्महे | आयत (√आ-यम् + क्त)–अक्ष (७.१)–आशास्महे (√आ-शास् लट् उ.पु. द्वि.) |
विग्रहयोर् | विग्रह (६.२) |
अभेदम् | अभेद (२.१) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ |
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अ | द | र्श | ने | द | र्श | न | मा | त्र | का | मा |
दृ | ष्ट्वा | प | रि | ष्व | ङ्ग | सु | खै | क | लो | ला |
आ | लि | ङ्गि | ता | यां | पु | न | रा | य | ता | क्ष्या |
मा | शा | स्म | हे | वि | ग्र | ह | यो | र | भे | दम् |