पदच्छेदः
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वक्त्रं | वक्त्र (१.१) |
चन्द्रविकासि | चन्द्र–विकासिन् (१.१) |
पङ्कजपरीहासक्षमे | पङ्कज–परीहास–क्षम (१.२) |
लोचने | लोचन (१.२) |
वर्णः | वर्ण (१.१) |
स्वर्णम् | स्वर्ण (१.१) |
अपाकरिष्णुर् | अपाकरिष्णु (१.१) |
अलिनीजिष्णुः | अलिनी–जिष्णु (१.१) |
कचानां | कच (६.३) |
चयः | चय (१.१) |
वक्षोजाविभकुम्भविभ्रमहरौ | वक्षोज (१.२)–इभ–कुम्भ–विभ्रम–हर (१.२) |
गुर्वी | गुरु (१.१) |
नितम्बस्थली | नितम्ब–स्थली (१.१) |
वाचां | वाच् (६.३) |
हारि | हारिन् (१.१) |
च | च (अव्ययः) |
मार्दवं | मार्दव (१.१) |
युवतीषु | युवती (७.३) |
स्वाभाविकं | स्वाभाविक (१.१) |
मण्डनम् | मण्डन (१.१) |
छन्दः
शार्दूलविक्रीडितम् [१९: मसजसततग]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ | १२ | १३ | १४ | १५ | १६ | १७ | १८ | १९ |
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व | क्त्रं | च | न्द्र | वि | का | सि | प | ङ्क | ज | प | री | हा | स | क्ष | मे | लो | च | ने |
व | र्णः | स्व | र्ण | म | पा | क | रि | ष्णु | र | लि | नी | जि | ष्णुः | क | चा | नां | च | यः |
ब | क्षो | जा | वि | भ | कु | म्भ | वि | भ्र | म | ह | रौ | गु | र्वी | नि | त | म्ब | स्थ | ली |
वा | चां | हा | रि | च | मा | र्द | वं | यु | व | ती | षु | स्वा | भा | वि | कं | म | ण्ड | नम् |
म | स | ज | स | त | त | ग |