Summary
Sanjaya said Seeing the army of the sons of Pandu, marshalled in the military array, the prince Duryodhana approached the teacher (Drona) and spoke at that time, these words:
पदच्छेदः
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दृष्ट्वा | दृष्ट्वा (√दृश् + क्त्वा) |
तु | तु (अव्ययः) |
पाण्डवानीकं | पाण्डव–अनीक (२.१) |
व्यूढं | व्यूढ (√वि-ऊह् + क्त, २.१) |
दुर्योधनस्तदा | दुर्योधन (१.१)–तदा (अव्ययः) |
आचार्यमुपसंगम्य | आचार्य (२.१)–उपसंगम्य (√उपसम्-गम् + ल्यप्) |
राजा | राजन् (१.१) |
वचनमब्रवीत् | वचन (२.१)–अब्रवीत् (√ब्रू लङ् प्र.पु. एक.) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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दृ | ष्ट्वा | तु | पा | ण्ड | वा | नी | कं |
व्यू | ढं | दु | र्यो | ध | न | स्त | दा |
आ | चा | र्य | मु | प | सं | ग | म्य |
रा | जा | व | च | न | म | ब्र | वीत् |