Summary
On account of these evils of the family-ruiners that cause the intermixture of castes, the eternal caste-duties and family-duties fall into disuse.
पदच्छेदः
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दोषैरेतैः | दोष (३.३)–एतद् (३.३) |
कुलघ्नानां | कुल–घ्न (६.३) |
वर्णसंकरकारकैः | वर्ण–संकर–कारक (३.३) |
उत्साद्यन्ते | उत्साद्यन्ते (√उत्-सादय् प्र.पु. बहु.) |
जातिधर्माः | जाति–धर्म (१.३) |
कुलधर्माश्च | कुल–धर्म (१.३)–च (अव्ययः) |
शाश्वताः | शाश्वत (१.३) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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दो | षै | रे | तैः | कु | ल | घ्ना | नां |
व | र्ण | सं | क | र | का | र | कैः |
उ | त्सा | द्य | न्ते | जा | ति | ध | र्माः |
कु | ल | ध | र्मा | श्च | शा | श्व | ताः |