Summary
He who, sitting like an unconcerned person, is not perturbed by the Strands; who is ignorant that the Strands exist; (or who remain simply aware that the Strands [alone] exist) who is not shaken;
पदच्छेदः
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उदासीनवदासीनो | उदासीन–वत् (अव्ययः)–आसीन (√आस् + क्त, १.१) |
गुणैर्यो | गुण (३.३)–यद् (१.१) |
न | न (अव्ययः) |
विचाल्यते | विचाल्यते (√वि-चालय् प्र.पु. एक.) |
गुणा | गुण (१.३) |
वर्तन्त | वर्तन्ते (√वृत् लट् प्र.पु. बहु.) |
इत्येव | इति (अव्ययः)–एव (अव्ययः) |
यो | यद् (१.१) |
ऽवतिष्ठति | अवतिष्ठति (√अव-स्था लट् प्र.पु. एक.) |
नेङ्गते | न (अव्ययः)–इङ्गते (√इङ्ग् लट् प्र.पु. एक.) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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उ | दा | सी | न | व | दा | सी | नो |
गु | णै | र्यो | न | वि | चा | ल्य | ते |
गु | णा | व | र्त | न्त | इ | त्ये | व |
यो | ऽव | ति | ष्ठ | ति | ने | ङ्ग | ते |