Summary
The agent, who does not exert, is vulgar, obstinate and deceitful; who is a man of wickedness and is lazy, sorrowful, and procrastinating - that agent is said to be of the Tamas (Strand).
पदच्छेदः
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अयुक्तः | अयुक्त (१.१) |
प्राकृतः | प्राकृत (१.१) |
स्तब्धः | स्तब्ध (√स्तम्भ् + क्त, १.१) |
शठो | शठ (१.१) |
नैकृतिको | नैकृतिक (१.१) |
ऽलसः | अलस (१.१) |
विषादी | विषादिन् (१.१) |
दीर्घसूत्री | दीर्घसूत्रिन् (१.१) |
च | च (अव्ययः) |
कर्ता | कर्तृ (१.१) |
तामस | तामस (१.१) |
उच्यते | उच्यते (√वच् प्र.पु. एक.) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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अ | यु | क्तः | प्रा | कृ | तः | स्त | ब्धः |
श | ठो | नै | कृ | ति | को | ऽल | सः |
वि | षा | दी | दी | र्घ | सू | त्री | च |
क | र्ता | ता | म | स | उ | च्य | ते |