Summary
The content, whery a foolish man does not give up his sleep, fear, grief, despondency and also arrogancethat content is deemed to be of the Tamas (Strand).
पदच्छेदः
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यया | यद् (३.१) |
स्वप्नं | स्वप्न (२.१) |
भयं | भय (२.१) |
शोकं | शोक (२.१) |
विषादं | विषाद (२.१) |
मदमेव | मद (२.१)–एव (अव्ययः) |
च | च (अव्ययः) |
सर्वार्थान्विपरीतांश्च | सर्व–अर्थ (२.३)–विपरीत (२.३)–च (अव्ययः) |
बुद्धिः | बुद्धि (१.१) |
सा | तद् (१.१) |
पार्थ | पार्थ (८.१) |
तामसी | तामस (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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य | या | स्व | प्नं | भ | यं | शो | कं |
वि | षा | दं | म | द | मे | व | च |
न | वि | मु | ञ्च | ति | दु | र्मे | धा |
धृ | तिः | सा | पा | र्थ | ता | म | सी |