Summary
Abandoning all attributes, come to Me as your sole refuge; I shall rescue you from all sins; don't be sorrowful.
पदच्छेदः
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सर्वधर्मान्परित्यज्य | सर्व–धर्म (२.३)–परित्यज्य (√परि-त्यज् + ल्यप्) |
मामेकं | मद् (२.१)–एक (२.१) |
शरणं | शरण (२.१) |
व्रज | व्रज (√व्रज् लोट् म.पु. ) |
अहं | मद् (१.१) |
त्वा | त्वद् (२.१) |
सर्वपापेभ्यो | सर्व–पाप (५.३) |
मोक्षयिष्यामि | मोक्षयिष्यामि (√मोक्षय् लृट् उ.पु. ) |
मा | मा (अव्ययः) |
शुचः | शुचः (√शुच् म.पु. ) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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स | र्व | ध | र्मा | न्प | रि | त्य | ज्य |
मा | मे | कं | श | र | णं | व्र | ज |
अ | हं | त्वा | स | र्व | पा | पे | भ्यो |
मो | क्ष | यि | ष्या | मि | मा | शु | चः |