Summary
My nature is divided eightfold, such as the Earth, the Water, the Fire, the Wind, the Ether, the Mind, and also the Intellect and the Ego;
पदच्छेदः
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भूमिरापो | भूमि (१.१)–अप् (१.३) |
ऽनलो | अनल (१.१) |
वायुः | वायु (१.१) |
खं | ख (१.१) |
मनो | मनस् (१.१) |
बुद्धिरेव | बुद्धि (१.१)–एव (अव्ययः) |
च | च (अव्ययः) |
अहंकार | अहंकार (१.१) |
इतीयं | इति (अव्ययः)–इदम् (१.१) |
मे | मद् (६.१) |
भिन्ना | भिन्न (√भिद् + क्त, १.१) |
प्रकृतिरष्टधा | प्रकृति (१.१)–अष्टधा (अव्ययः) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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भू | मि | रा | पो | ऽन | लो | वा | युः |
खं | म | नो | बु | द्धि | रे | व | च |
अ | हं | का | र | इ | ती | यं | मे |
भि | न्ना | प्र | कृ | ति | र | ष्ट | धा |