पदच्छेदः
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निशम्य | निशम्य (√नि-शामय् + ल्यप्) |
सिद्धिं | सिद्धि (२.१) |
द्विषताम् | द्विषत् (√द्विष् + शतृ, ६.३) |
अपाकृतीस् | अपाकृति (२.३) |
ततस् | ततस् (अव्ययः) |
ततस्त्या | ततस्त्य (१.१) |
विनियन्तुम् | विनियन्तुम् (√विनि-यम् + तुमुन्) |
अक्षमा | अक्षम (१.१) |
नृपस्य | नृप (६.१) |
मन्युव्यवसायदीपिनीर् | मन्यु–व्यवसाय–दीपिन् (२.३) |
उदाजहार | उदाजहार (√उदा-हृ लिट् प्र.पु. एक.) |
द्रुपदात्मजा | द्रुपद–आत्मजा (१.१) |
गिरः | गिर् (२.३) |
छन्दः
वंशस्थम् [१२: जतजर]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ | १२ |
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नि | श | म्य | सि | द्धिं | द्वि | ष | ता | म | पा | कृ | ती |
स्त | त | स्त | त | स्त्या | वि | नि | य | न्तु | म | क्ष | मा |
नृ | प | स्य | म | न्यु | व्य | व | सा | य | दी | पि | नी |
रु | दा | ज | हा | र | द्रु | प | दा | त्म | जा | गि | रः |
ज | त | ज | र |