महत्त्वयोगाय | महत्–त्व–योग (४.१) |
महामहिम्नाम् | महत्–महिमन् (६.३) |
आराधनीं | आराधन (२.१) |
तां | तद् (२.१) |
नृप | नृप (८.१) |
देवतानाम् | देवता (६.३) |
दातुं | दातुम् (√दा + तुमुन्) |
प्रदानोचित | प्रदान–उचित (८.१) |
भूरिधाम्नीम् | भूरि–धामन् (२.१) |
उपागतः | उपागत (√उपा-गम् + क्त, १.१) |
सिद्धिम् | सिद्धि (२.१) |
इवास्मि | इव (अव्ययः)–अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
विद्याम् | विद्या (२.१) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ |
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म | ह | त्त्व | यो | गा | य | म | हा | म | हि | म्ना |
मा | रा | ध | नीं | तां | नृ | प | दे | व | ता | नाम् |
दा | तुं | प्र | दा | नो | चि | त | भू | रि | धा | म्नी |
मु | पा | ग | तः | सि | द्धि | मि | वा | स्मि | वि | द्याम् |