संपत्सु | सम्पद् (७.३) |
महतां | महत् (६.३) |
चित्तं | चित्त (१.१) |
भवत्य् | भवति (√भू लट् प्र.पु. एक.) |
उत्पलकोमलम् | उत्पल–कोमल (१.१) |
आपत्सु | आपद् (७.३) |
च | च (अव्ययः) |
महाशैलशिलासङ्घातकर्कशम् | महत्–शैल–शिला–संघात–कर्कश (१.१) |
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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स | म्प | त्सु | म | ह | तां | चि | त्तं |
भ | व | त्यु | त्प | ल | को | म | ल |
मा | प | त्सु | च | म | हा | शै | ल |
शि | ला | स | ङ्घा | त | क | र्क | शम् |