Summary
Hrsikesa (Krsna) blew the Pancajanya; Dhananjaya (Arjuna) blew the Devadatta; and the Wolf-bellied (Bhimi), of the terrible deeds, blew the mighty conchshell, Paundra;
पदच्छेदः
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पाञ्चजन्यं | पाञ्चजन्य (२.१) |
हृषीकेशो | हृषीकेश (१.१) |
देवदत्तं | देवदत्त (२.१) |
धनंजयः | धनंजय (१.१) |
पौण्ड्रं | पौण्ड्र (२.१) |
दध्मौ | दध्मौ (√धम् लिट् प्र.पु. एक.) |
महाशङ्खं | महत्–शङ्ख (२.१) |
भीमकर्मा | भीम–कर्मन् (१.१) |
वृकोदरः | वृकोदर (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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पा | ञ्च | ज | न्यं | हृ | षी | के | शो |
दे | व | द | त्तं | ध | नं | ज | यः |
पौ | ण्ड्रं | द | ध्मौ | म | हा | श | ङ्खं |
भी | म | क | र्मा | वृ | को | द | रः |