Summary
And the king of Kasi, a great archer, and Sikhandin, a mighty warrior; Dhrstadyumna and the king of Virata, and the unconered Satyaki;
पदच्छेदः
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काश्यश्च | काश्य (१.१)–च (अव्ययः) |
परमेष्वासः | परम–इष्वास (१.१) |
शिखण्डी | शिखण्डिन् (१.१) |
च | च (अव्ययः) |
महारथः | महत्–रथ (१.१) |
धृष्टद्युम्नो | धृष्टद्युम्न (१.१) |
विराटश्च | विराट (१.१)–च (अव्ययः) |
सात्यकिश्चापराजितः | सात्यकि (१.१)–च (अव्ययः)–अपराजित (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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का | श्य | श्च | प | र | मे | ष्वा | सः |
शि | ख | ण्डी | च | म | हा | र | थः |
धृ | ष्ट | द्यु | म्नो | वि | रा | ट | श्च |
सा | त्य | कि | श्चा | प | रा | जि | तः |