Summary
O king! Then observing Dhrtarastra's men, arrayed when the armed clash had [virtually] begun, at that time, Pandu's son, the monkey-bannered one (Arjuna) raising his bow spoke these sentences.
पदच्छेदः
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अथ | अथ (अव्ययः) |
व्यवस्थितान्दृष्ट्वा | व्यवस्थित (√व्यव-स्था + क्त, २.३)–दृष्ट्वा (√दृश् + क्त्वा) |
धार्तराष्ट्रान्कपिध्वजः | धार्तराष्ट्र (२.३)–कपिध्वज (१.१) |
प्रवृत्ते | प्रवृत्त (√प्र-वृत् + क्त, ७.१) |
शस्त्रसम्पाते | शस्त्र–सम्पात (७.१) |
धनुरुद्यम्य | धनुस् (२.१)–उद्यम्य (√उत्-यम् + ल्यप्) |
पाण्डवः | पाण्डव (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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अ | थ | व्य | व | स्थि | ता | न्दृ | ष्ट्वा |
धा | र्त | रा | ष्ट्रा | न्क | पि | ध्व | जः |
प्र | वृ | त्ते | श | स्त्र | सं | पा | ते |
ध | नु | रु | द्य | म्य | पा | ण्ड | वः |