Summary
I am unable even to stand steady; and my mind seems to be confused; and I see adverse omens, O Kesava!
पदच्छेदः
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सीदन्ति | सीदन्ति (√सद् लट् प्र.पु. बहु.) |
मम | मद् (६.१) |
गात्राणि | गात्र (१.३) |
मुखं | मुख (१.१) |
च | च (अव्ययः) |
परिशुष्यति | परिशुष्यति (√परि-शुष् लट् प्र.पु. एक.) |
वेपथुश्च | वेपथु (१.१)–च (अव्ययः) |
शरीरे | शरीर (७.१) |
मे | मद् (६.१) |
रोमहर्षश्च | रोमहर्ष (१.१)–च (अव्ययः) |
जायते | जायते (√जन् लट् प्र.पु. एक.) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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सी | द | न्ति | म | म | गा | त्रा | णि |
मु | खं | च | प | रि | शु | ष्य | ति |
वे | प | थु | श्च | श | री | रे | मे |
रो | म | ह | र्ष | श्च | जा | य | ते |