Summary
It would be more beneficial for me if Dhrtarastra's men with weapons in their hands, should slay me, unresisting and unarmed.
पदच्छेदः
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यदि | यदि (अव्ययः) |
मामप्रतीकारमशस्त्रं | मद् (२.१)–अप्रतीकार (२.१)–अशस्त्र (२.१) |
शस्त्रपाणयः | शस्त्र–पाणि (१.३) |
धार्तराष्ट्रा | धार्तराष्ट्र (१.३) |
रणे | रण (७.१) |
हन्युस्तन्मे | हन्युः (√हन् विधिलिङ् प्र.पु. बहु.)–तद् (१.१)–मद् (६.१) |
क्षेमतरं | क्षेमतर (१.१) |
भवेत् | भवेत् (√भू विधिलिङ् प्र.पु. एक.) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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य | दि | मा | म | प्र | ती | का | र |
म | श | स्त्रं | श | स्त्र | पा | ण | यः |
धा | र्त | रा | ष्ट्रा | र | णे | ह | न्यु |
स्त | न्मे | क्षे | म | त | रं | भ | वेत् |