Summary
Only Yourself know Yourself by Yourself, O Supreme Purusa, Creator of all beings, Lord of beings, God of gods, Lord of the Universe !
पदच्छेदः
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स्वयमेवात्मनात्मानं | स्वयम् (अव्ययः)–एव (अव्ययः)–आत्मन् (३.१)–आत्मन् (२.१) |
वेत्थ | वेत्थ (√विद् लिट् म.पु. ) |
त्वं | त्वद् (१.१) |
पुरुषोत्तम | पुरुषोत्तम (८.१) |
भूतभावन | भूतभावन (८.१) |
भूतेश | भूतेश (८.१) |
देवदेव | देवदेव (८.१) |
जगत्पते | जगत्पति (८.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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स्व | य | मे | वा | त्म | ना | त्मा | नं |
वे | त्थ | त्वं | पु | रु | षो | त्त | म |
भू | त | भा | व | न | भू | ते | श |
दे | व | दे | व | ज | ग | त्प | ते |