Summary
Of the sons of Aditi, I am Visnu; of the luminaries, the radiant Sun; of the Maruts, I am Marici; of the stars, I am the Moon.
पदच्छेदः
Click to Toggle
आदित्यानामहं | आदित्य (६.३)–मद् (१.१) |
विष्णुर् | विष्णु (१.१) |
ज्योतिषां | ज्योतिस् (६.३) |
रविरंशुमान् | रवि (१.१)–अंशुमन्त् (१.१) |
मरीचिर्मरुतामस्मि | मरीचि (१.१)–मरुत् (६.३)–अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
नक्षत्राणामहं | नक्षत्र (६.३)–मद् (१.१) |
शशी | शशिन् (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
---|
आ | दि | त्या | ना | म | हं | वि | ष्णु |
र्ज्यो | ति | षां | र | वि | रं | शु | मान् |
म | री | चि | र्म | रु | ता | म | स्मि |
न | क्ष | त्रा | णा | म | हं | श | शी |