Summary
Of the royal priests I am the chief viz., Brhaspati (the priest of gods), O son of Prtha, you should know that; of the army-generals, I am Skanda [the War-god]; of the water reservoirs, I am the ocean.
पदच्छेदः
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पुरोधसां | पुरोधस् (६.३) |
च | च (अव्ययः) |
मुख्यं | मुख्य (२.१) |
मां | मद् (२.१) |
विद्धि | विद्धि (√विद् लोट् म.पु. ) |
पार्थ | पार्थ (८.१) |
बृहस्पतिम् | बृहस्पति (२.१) |
सेनानीनामहं | सेनानी (६.३)–मद् (१.१) |
स्कन्दः | स्कन्द (१.१) |
सरसामस्मि | सरस् (६.३)–अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
सागरः | सागर (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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पु | रो | ध | सां | च | मु | ख्यं | मां |
वि | द्धि | पा | र्थ | बृ | ह | स्प | तिम् |
से | ना | नी | ना | म | हं | स्क | न्दः |
स | र | सा | म | स्मि | सा | ग | रः |