Summary
Of the snakes, I am Ananta; of the water-beings (water-deities), I am varuna; of the manes, I am Aryaman; of the controllers, I am Yama (the Death-god).
पदच्छेदः
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अनन्तश्चास्मि | अनन्त (१.१)–च (अव्ययः)–अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
नागानां | नाग (६.३) |
वरुणो | वरुण (१.१) |
यादसामहम् | यादस् (६.३)–मद् (१.१) |
पितॄणामर्यमा | पितृ (६.३)–अर्यमन् (१.१) |
चास्मि | च (अव्ययः)–अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
यमः | यम (१.१) |
संयमतामहम् | संयमत् (√सम्-यम् + शतृ, ६.३)–मद् (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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अ | न | न्त | श्चा | स्मि | ना | गा | नां |
व | रु | णो | या | द | सा | म | हम् |
पि | तॄ | णा | म | र्य | मा | चा | स्मि |
य | मः | सं | य | म | ता | म | हम् |