Summary
Of the progenies of Diti (the demons), I am Prahlada; of the measuring ones, I am the shark; of rivers, I am the daughter of Jahnu (the Ganga).
पदच्छेदः
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पवनः | पवन (१.१) |
पवतामस्मि | पवत् (√पू + शतृ, ६.३)–अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
रामः | राम (१.१) |
शस्त्रभृतामहम् | शस्त्रभृत् (६.३)–मद् (१.१) |
इन्द्रियाणां | इन्द्रिय (६.३) |
मनश्चास्मि | मनस् (१.१)–च (अव्ययः)–अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
भूतानामस्मि | भूत (६.३)–अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
चेतना | चेतना (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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प | व | नः | प | व | ता | म | स्मि |
रा | मः | श | स्त्र | भृ | ता | म | हम् |
झ | षा | णां | म | क | र | श्चा | स्मि |
स्रो | त | सा | म | स्मि | जा | ह्न | वी |