Summary
I am the Death that carries away all and also the Birth of all that are to be born; of the wives of men, I am the Fame, Fortune, Speech, Memory, Wisdom, Constancy and Patience.
पदच्छेदः
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मृत्युः | मृत्यु (१.१) |
सर्वहरश्चाहमुद्भवश्च | सर्व–हर (१.१)–च (अव्ययः)–मद् (१.१)–उद्भव (१.१)–च (अव्ययः) |
भविष्यताम् | भविष्यत् (√भू + कृत्, ६.३) |
कीर्तिः | कीर्ति (१.१) |
श्रीर्वाक्च | श्री (१.१)–वाच् (१.१)–च (अव्ययः) |
नारीणां | नारी (६.३) |
स्मृतिर्मेधा | स्मृति (१.१)–मेधा (१.१) |
धृतिः | धृति (१.१) |
क्षमा | क्षमा (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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मृ | त्युः | स | र्व | ह | र | श्चा | ह |
मु | द्भ | व | श्च | भ | वि | ष्य | ताम् |
की | र्तिः | श्री | र्वा | क्च | ना | री | णां |
स्मृ | ति | र्मे | धा | धृ | तिः | क्ष | मा |