Summary
I am gambling of the fradulent; I am the brilliance of the brilliant; I am the victory; I am the resolution; I am the energy of the energetic.
पदच्छेदः
Click to Toggle
बुद्धिर्बुद्धिमतामस्मि | बुद्धि (१.१)–बुद्धिमत् (६.३)–अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
तेजस्तेजस्विनामहम् | तेजस् (१.१)–तेजस्विन् (६.३)–मद् (१.१) |
जयो | जय (१.१) |
ऽस्मि | अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
व्यवसायो | व्यवसाय (१.१) |
ऽस्मि | अस्मि (√अस् लट् उ.पु. ) |
सत्त्वं | सत्त्व (१.१) |
सत्त्ववतामहम् | सत्त्ववत् (६.३)–मद् (१.१) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
---|
द्यू | तं | छ | ल | य | ता | म | स्मि |
ते | ज | स्ते | ज | स्वि | ना | म | हम् |
ज | यो | ऽस्मि | व्य | व | सा | यो | ऽस्मि |
स | त्त्वं | स | त्त्व | व | ता | म | हम् |