Summary
'He is the source of all and from Him all comes forth' - Thus viewing, the wise men revere Me with devotion.
पदच्छेदः
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अहं | मद् (१.१) |
सर्वस्य | सर्व (६.१) |
प्रभवो | प्रभव (१.१) |
मत्तः | मद् (५.१) |
सर्वं | सर्व (१.१) |
प्रवर्तते | प्रवर्तते (√प्र-वृत् लट् प्र.पु. एक.) |
इति | इति (अव्ययः) |
मत्वा | मत्वा (√मन् + क्त्वा) |
भजन्ते | भजन्ते (√भज् लट् प्र.पु. बहु.) |
मां | मद् (२.१) |
बुधा | बुध (१.३) |
भावसमन्विताः | भाव–समन्वित (१.३) |
छन्दः
अनुष्टुप् [८]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ |
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अ | हं | स | र्व | स्य | प्र | भ | वो |
म | त्तः | स | र्वं | प्र | व | र्त | ते |
इ | ति | म | त्वा | भ | ज | न्ते | मां |
बु | धा | भा | व | स | म | न्वि | ताः |