अनेकवक्त्रनयनमनेकाद्भुतदर्शनम् | अनेक–वक्त्र–नयन (२.१)–अनेक–अद्भुत–दर्शन (२.१) |
अनेकदिव्याभरणं | अनेक–दिव्य–आभरण (२.१) |
दिव्यानेकोद्यतायुधम् | दिव्य–अनेक–उद्यत (√उत्-यम् + क्त)–आयुध (२.१) |
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अ | ने | क | व | क्त्र | न | य | न |
म | ने | का | द्भु | त | द | र्श | नम् |
अ | ने | क | दि | व्या | भ | र | णं |
दि | व्या | ने | को | द्य | ता | यु | धम् |