Summary
The Rudras, the Adityas, the Vasus, the Sadhyas, the Visvas (Visvadevas), the twin Asvins and the Maruts, and the Steam-drinkers (Manes) and the hosts of the Gandharvas, the Yoksas, the demons and the perfected ones - all gaze on You and are ite amazed.
पदच्छेदः
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रुद्रादित्या | रुद्र–आदित्य (१.३) |
वसवो | वसु (१.३) |
ये | यद् (१.३) |
च | च (अव्ययः) |
साध्या | साध्य (१.३) |
विश्वे | विश्व (१.३) |
ऽश्विनौ | अश्विन् (१.२) |
मरुतश्चोष्मपाश्च | मरुत् (१.३)–च (अव्ययः)–ऊष्मप (१.३)–च (अव्ययः) |
गन्धर्वयक्षासुरसिद्धसंघा | गन्धर्व–यक्ष–असुर–सिद्ध–संघ (१.३) |
वीक्षन्ते | वीक्षन्ते (√वि-ईक्ष् लट् प्र.पु. बहु.) |
त्वा | त्वद् (२.१) |
विस्मिताश्चैव | विस्मित (√वि-स्मि + क्त, १.३)–च (अव्ययः)–एव (अव्ययः) |
सर्वे | सर्व (१.३) |
छन्दः
उपजातिः [११]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ |
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रु | द्रा | दि | त्या | व | स | वो | ये | च | सा | ध्या |
वि | श्वे | ऽश्वि | नौ | म | रु | त | श्चो | ष्म | पा | श्च |
ग | न्ध | र्व | य | क्षा | सु | र | सि | द्ध | सं | घा |
वी | क्ष | न्ते | त्वा | वि | स्मि | ता | श्चै | व | स | र्वे |