Summary
O Mighty-armed One ! Having seen Your mighty form that has many faces and eyes, many arms, thighs and feet, and many bellies, and is terrible with many tusks; the worlds are frightened and so also myself.
पदच्छेदः
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रूपं | रूप (२.१) |
महत्ते | महत् (२.१)–त्वद् (६.१) |
बहुवक्त्रनेत्रं | बहु–वक्त्र–नेत्र (२.१) |
महाबाहो | महत्–बाहु (८.१) |
बहुबाहूरुपादम् | बहु–बाहु–ऊरु–पाद (२.१) |
बहूदरं | बहु–उदर (२.१) |
बहुदंष्ट्राकरालं | बहु–दंष्ट्र–कराल (२.१) |
दृष्ट्वा | दृष्ट्वा (√दृश् + क्त्वा) |
लोकाः | लोक (१.३) |
प्रव्यथितास्तथाहम् | प्रव्यथित (√प्र-व्यथ् + क्त, १.३)–तथा (अव्ययः)–मद् (१.१) |
छन्दः
उपजातिः [११]
छन्दोविश्लेषणम्
१ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ | १० | ११ |
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रू | पं | म | ह | त्ते | ब | हु | व | क्त्र | ने | त्रं |
म | हा | बा | हो | ब | हु | बा | हू | रु | पा | दम् |
ब | हू | द | रं | ब | हु | दं | ष्ट्रा | क | रा | लं |
दृ | ष्ट्वा | लो | काः | प्र | व्य | थि | ता | स्त | था | हम् |